Tuesday, August 2, 2011


तेरे हर छुए का मुझे अब भी एहसास है
तू मुझसे दूर सही, लेकिन दिल के पास है
ये बात होगी आम, मेरे लिए ख़ास है
तुझमें ग़ुम हो जाऊं, जागी फिर से आस है

मैं गया नहीं, वक़्त ले गया मुझको
मेरा अक्स रहा वहीं, जहां मैंने छोड़ा तुझको
अब हमारे दरमियां फ़ासले कम नहीं ज़माने के
रास्ते बदल गए तेरे मेरे आने जाने के

तेरी याद में दिल तनहा अक़्सर रोता है
वो पूछता मुझसे, मेरे साथ ये क्यों होता है
क्यों तू ऐसे सपने संजोता है
जिनके टूटने पर तुझे दर्द होता है

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